________________ SCAUSAGARSAEX नगरमें जाकर राजाको ( सब हाल कह कर) विज्ञप्ति करने लगे-हे नाथ! धवलने हमको | | ताड़ित किये, यह बात सुनकर महाकाल भूपाल कोपाक्रान्त हुवा और अपनी सैन्य सज-धज | कर धवलके सुनटोंके साथ भारी संग्राम आरंभ किया, राजाका जय हुआ, धवलकी सैन्य दशों | | दिशाओंमें जग गई, धवलको अवली मुस्की बांधकर वृक्ष पर जकड़ दिया और सर्व पोतोंमे अपने सुन्जट रख कर नगरको वापिस चला-इस स्वरूपको देखकर श्रीपाल कुमार धवलको कहने || लगे-अहो महाभाग! तुमारे वे कोटी दिनार रोज़गार खाने वाले सुभट लोग कहां चले गये ? | |क्षकी शाखा पर वंदरके समान अधोमुख लटका हुवा धवल श्रीपालजीको कहता है-नो महा-18|| नुभाव! 'दते दारः' क्यों करते हो-यानी जले हुवे पर नमक क्यों डालते हो? तब कुंवर बोले 8 | अहो सेठ! यदि मैं तुमारा सब धन महाकाल राजासे छुडा ला, तो तुम मुझे क्या दो? उत्तर मिला कि तमाम मिलकतमेंसे आधी तुम्हें दे दूं, कुमार बोले इसमें प्रमाण क्या ? धवलने कहा दे | तुमारे और हमारे बीच परमेश्वर साक्षी है. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradha