________________ | उछाले खाने लगा, किनारे बड़ने लगे, छोटी 2 कल्लोलेसे जल इधर-उधर डावां-डोल करने लगा, चारों ओर आकाशमें मेघ घटा छागई, मुसलधार वर्षा वर्षने लगी, बिजलिये चमकने | | लगी, गाजने अपने गर्जारव शब्दसे ब्रह्माण्डको गर्जा दिया, नीचेसे सागरका जल बड़ता है | और उपरसे मेघ धारा वर्षती है, इस वख्त तमाम जहाजें हिल हिलाने लगीं, यात्री-जन भयङ्कर आफतमें आगिरे, अपने 2 इष्ट देवको स्मरण करते हुवे एक दूसरेको कहने लगे-हा अफसोस! | आज पोत-स्वामी जलमें गिर गये, धवलने यह मोटा पाप किया, अहो! अब अपन किसकी | सायतासे बचें गे; इस तरह दुःखसे दुःखी होकर दान-पुण्यमें सावधान हुवे, जहाजोंके वायु. दान पख्खें टूट पड़े, इस समय अमावश्यासे भी अधिक घोर अंधकार दसों दिशाओंमें छागया, | यहां तक कि एक दूसरेको आपुसमें देख नहीं सकते, इस अवसरमें-डमरुका डम-डमंत शब्द करते हुवे अत्यन्त भयङ्कर रूपको धारणकर हाथमें समशेर ( तलवार ) को लिये हुवे सबसे पहिले क्षेत्रपाल प्रकट हुवे, पश्चात् विकराल रूप धारक मानभद्र-पूर्णभद्र-कपिल और पिंगल LOSRAECAUSERECAUSESS-C WIP.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aarad!