________________ क AndhArts . (श्लोक ):... बल्लभो वां महालक्ष्मी-सम्पूर्णः संमिलिष्यति // मासस्याभ्यन्तरे वत्से। खेदं मा कुरुतं युवाम् // 1 // भावार्थः-अहो पुत्रियों! महालक्ष्मीसे सम्पूर्ण तुमारा वलभ एक महिनेके अन्दर तुम्हें ||2|| | मिलेगा, अतः कोश् तरह तुम खेद मत करो. ... इस समय दोनो ललनाओंने प्रार्थना की-हे मात ! इस दुष्टसे भय उत्पन्न न हो वैसा कोई / / उपाय कर दो! तब देवीने दोनो स्त्रियोंके कण्ठमें सुरपुष्पमाला डालदी और कहा-हे पुत्रियों! इन पुष्पमालाओंके प्रभावसे कोई भी दुष्ट तुमारी तर्फदुष्टभावसे नहीं देख सकेगा, ऐसा कह कर देवी / श्रीचक्रेश्वरी अपने स्थानपर वापिस चली गई-जहाजोंमें सब तरह शान्ति होगई-इस वख्त वे शुद्ध सलाहकारक तीनों मित्र धवलके पास आकर कहने लगे-अहो देखा न ? उस तेरे कुबुद्धिके / AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak