________________ |स्थानपर सानन्द प्राप्त हुवे, महाकाल राजा अपनी पुत्रीको शुभ शिखामण देकर अपने नगरको | प्रस्ताव चला गया.. तीसरा. PUSSISSSHOSSSSSSSSSSS जिनमन्दिरके कपाटोंका खोलना. (दूसरा-विवाह) Matkastasia // 38 // धवलसेठं चौसठ कूपस्तम्भसे विराजित महाजंगी नामक पोतरत्नको देखकर हृदयमें जलने 8 द लगा और कजलसे भी अधिक काला-मुख हो गया, दिलमें विचारता है कि हा! मेरा आधा | धन गया, कौन जाने मासिक भाड़ा देगा कि नहीं? इस प्रकार विमासन करने लगा, कुमारने F ACGunratnasuliM.S. Jun Gun Aaradhak i