________________ EXAE% 4- 63+CCECA ERABASIC है और कुष्टियोंसे पूछा-अहो! तुमने एक सुन्दराकारा-पुत्रसहिता-नृपभार्याको देखी है? उन * लोगोंने उत्तर दिया-भाईयों ! हमें मालुम नहीं, दमतो पूर्व कर्मके उदयसे रोगग्रस्त हुवे हैं; है। हमारे पास रानी नहीं है, आप लोग हमारे निकट नहीं आना वर्ना हमारा पवन लगने मा-है द से आप को रोग उत्पन्न हो जायगा; उन सुभटोंने जान लिया कि ये कुष्टि लोग हैं सब है। l मिल कर भिक्षाके लिये जा रहे हैं, ऐसा समझ कर वे सब वापिस लौट गये तब रानी मय | अपने पुत्र के निर्भयतासे उस कुष्टिसमुदायके साथ क्रमशः उज्जैनी नगरी में पहुँची. . कितनाक समय वीतजाने पर अपना पुत्र उन कुष्टियोंको सोंपा, उन्होंने उसे अपना नाथ है। बनाकर रख्खा-पुत्रने जब युवान अवस्थामें प्रवेश किया तब दैवयोगसे कोड़ रोगके सपाटेमें आगया, माताने अनेकानेक उपचार किये मगर रोग शान्त न हुवा, कश्यक लोगोंको हमेशां उ- है | पाय पूछती रही अन्तमें किसी एकने कहा-भो भद्रे! कौशम्बी नगरीमें अढार प्रकारका कुष्टरोग SSSSCGEOGUESS Ac.Gunratnasuri M.S Jun Gun Aaradha