________________ श्रीपाल प्रस्ताव चरित्र 1 // 28 // SUSREGIONALISHTRESAISTOSAS है। होकर वन क्रीडा करने को जा रहे थे, इस वख्त देवकुमार सदृश मालुम होते थे, इस समय है। किसी एक गामडे में रहने वाले अपरिचित पुरुषने दूसरे को पूछा कि क्या यह राजा है ? उत्तर || दूसरा. ! मिला कि राजा नहीं किन्तु मदनसुन्दरीका पति राजाका जवांइ है, ये वचन श्रीपालके कान 2 तक पहुंचे कि तुरन्त वहांसे वापिस फिरे और उदास होकर घरके एकान्तस्थानमें बैठ गये; क- | मलप्रभा माताने अपने पुत्रकी यह हालत देख कर पूछा हे पुत्ररत्न ! आज़ तेरे शरीरमें क्या है 2 कोइ व्याधि है-या किसीने तेरी आज्ञा खण्डित की है-अथवा स्त्रीने कुछ अनुचित कहा है ? कहो! हुवा क्या, इस प्रकार शोकातुर होकर क्यों बैठा है ? तेरा मुखकमल मलीन हो गया है, सच कहो! बात क्या है ? श्रीपाल कुमार अपनी माताको चिन्तातुर जान कर बोले| हे मातेश्वरी! तुमारे पूछे हुवे कारणों मेंसे एकभी नहीं है किन्तु अन्यही है और वह यह है। कि (सब हाल कह कर) मुझे यहां पर कोई नहीं पहिचानता, न पिताश्रीके नामसे, न तुमारे RECECAESAककब-5 DHAc.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradha