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5. पाँचवाँ स्थूल परिग्रह विरमण व्रत के विषय में जो कोई
अतिचार लगा हो तो आलोउं-1. खेत-वत्थु का परिमाण अतिक्रमण किया हो, 2. हिरण्य-सुवर्ण का परिमाण अतिक्रमण किया हो, 3. धन-धान्य का परिमाण अतिक्रमण किया हो, 4. दोपद-चौपद का परिमाण अतिक्रमण किया हो, 5. कुविय का परिमाण अतिक्रमण किया हो, इन अतिचारों में से मुझे कोई दिवस सम्बन्धी अतिचार लगा हो
तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं। 6. छठे दिशिव्रत के विषय में जो कोई अतिचार लगा हो तो
आलोउं-1. ऊँची, 2. नीची, 3. तिरछी दिशा का परिमाण अतिक्रमण किया हो, 4. क्षेत्र बढ़ाया हो, 5. क्षेत्र का परिमाण भूल जाने से, पंथ का संदेह पड़ने पर आगे चला हो, इन अतिचारों में से मुझे कोई दिवस सम्बन्धी अतिचार
लगा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं । 7. सातवाँ उपभोग परिभोग परिमाण व्रत के विषय में जो
कोई अतिचार लगा हो तो आलोउं-पच्चक्खाण उपरान्त 1. सचित्त का आहार किया हो, 2. सचित्त प्रतिबद्ध का आहार किया हो, 3. अपक्व का आहार किया हो. 4. दुपक्व का आहार किया हो, 5. तुच्छौषधि का आहार किया हो, इन अतिचारों में से मुझे कोई दिवस सम्बन्धी अतिचार लगा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं।
{14} श्रावक सामायिक प्रतिक्रमण सूत्र