________________
प्र. 5. उत्तर
प्र. 6. उत्तर प्र. 7. उत्तर
नवकार मंत्र में धर्मपद कौन सा है? नवकार मंत्र में 'णमो' शब्द धर्म पद है, क्योंकि 'णमो' विनय का प्रतिपादक है। विनय ही धर्म का मूल है। नवकार मंत्र किस भाषा में है? नवकार मंत्र प्राकृत (अर्धमागधी प्राकृत) भाषा में है। अरिहन्त किसे कहते हैं? जिन्होंने चार घाती कर्मों-ज्ञानावरणीय, दर्शनावरणीय, मोहनीय
और अन्तराय का क्षय करके अनन्त ज्ञान, अनन्त दर्शन, अनन्त चारित्र और अनन्त बल वीर्य नामक चार मूल गुणों को परिपूर्ण रूप से प्रकट कर लिया है, उन्हें अरिहन्त कहते हैं, इन्हें तीर्थङ्कर या जिन भी कहते हैं। सिद्ध किसे कहते हैं? जो आठों कर्मों का क्षय कर चुके हैं तथा जिन्होंने आत्मा के आठों गुणों को हमेशा के लिए सम्पूर्ण रूप से प्रकट कर लिया है, उन्हें सिद्ध कहते हैं। अरिहन्त और सिद्ध में क्या अन्तर है? अरिहन्त भगवान चार घाती कर्मों-ज्ञानावरणीय, दर्शनावरणीय, मोहनीय और अन्तराय का क्षय कर चुके हैं। अरिहन्त सशरीरी होने से तीर्थ की स्थापना करते हैं, उपदेश देते हैं और धर्म से गिरते हुए साधकों को स्थिर करते हैं, जबकि सिद्ध आठ कर्मों (1.ज्ञानावरणीय, 2. दर्शनावरणीय, 3. वेदनीय, 4. मोहनीय, 5. आयु, 6. नाम, 7. गोत्र, 8. अन्तराय) को क्षय करके
प्र. 8. उत्तर
प्र. 9. उत्तर
189) श्रावक सामायिक प्रतिक्रमण सूत्र