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उत्तर बारहवाँ अतिथि संविभाग व्रत। प्र. 73. बारहवें व्रत को धारण करने वालों को मुख्य रूप से
किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? उत्तर 1. भोजन बनाने वाले और करने वालों को सचित्त वस्तुओं का
संघट्टा न हो, इस प्रकार बैठना चाहिए। 2. घर में सचित्तअचित्त वस्तुओं को अलग-अलग रखने की व्यवस्था होनी चाहिए। 3. सचित्त वस्तुओं का काम पूर्ण होने पर उनको यथा स्थान रखने की आदत होनी चाहिए। 4. कच्चे पानी के छींटे, हरी वनस्पति का कचरा व गुठलियाँ आदि को घर में बिखेरने की प्रवृत्ति नहीं रखनी चाहिए। 5. धोवन पानी के बारे में अच्छी जानकारी करके अपने घर में सहज बने अचित्त कल्पनीय पानी को तत्काल फैंकने की आदत नहीं रखनी चाहिए, उसे योग्य स्थान में रखना चाहिए। 6. दिन में घर का दरवाजा खुला रखने की प्रवृत्ति रखनी चाहिए। 7. साधु मुनिराज घर में पधारें तो सूझता होने पर तथा मुनिराज के अवसर होने पर स्वयं के हाथ से दान देने की उत्कृष्ट भावना रखनी चाहिए। 8. साधुजी की गोचरी के विधि-विधान की जानकारी उनकी संगति, चर्चा एवं शास्त्र-स्वाध्याय से निरन्तर बढ़ाते रहना चाहिए। 9. साधु मुनिराज गवेषणा करने के लिए कुछ भी
पूछताछ करे तो झूठ नहीं बोलना चाहिए। प्र.74.
संत-सतियों को कितने प्रकार की वस्तुएँ दान दे सकते हैं? उत्तर मुख्यत: चौदह प्रकार की वस्तुएँ दान दे सकते हैं। उनका
वर्णन आवश्यक सूत्र के 12वें अतिथि संविभाग व्रत में इस
{122} श्रावक सामायिक प्रतिक्रमण सूत्र