Book Title: Shravak Samayik Pratikraman Sutra
Author(s): Parshwa Mehta
Publisher: Samyaggyan Pracharak Mandal

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Page 134
________________ हैं तथा कर्मों की स्थिति आदि को छोटा करने में सहायक होने से प्रथम पाँच व्रतों को अणुव्रत कहते हैं। प्र. 98. गुणव्रत किसे कहते हैं ? उत्तर जो अणुव्रतों को गुण अर्थात्-लाभ पहुंचाते हैं अथवा पुष्ट करते हैं उन्हें गुणव्रत कहते हैं। प्र. 99. शिक्षाव्रत किसे कहते हैं ? उत्तर जैसे कोई व्यक्ति किसी को रत्नादि देता है तो साथ में उसे सुरक्षित रखने की शिक्षा भी देता है, उसी प्रकार आठ व्रतों की सुरक्षा के लिए अन्तिम चार व्रतों की शिक्षा देने के कारण इन्हें शिक्षाव्रत कहते हैं। {132} श्रावक सामायिक प्रतिक्रमण सूत्र

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