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जो हिन्दी आदि भाषाओं में अनुवाद किये गये हैं, उन्हें भी
अर्थागम कहते हैं। प्र. 22. तदुभयागम किसे कहते हैं ? उत्तर सूत्रागम और अर्थागम ये दोनों मिलकर तदुभयागम कहलाते हैं। प्र. 23. उच्चारण की अशुद्धि से क्या-क्या हानियाँ हैं? उत्तर (1) उच्चारण की अशुद्धि से कई बार अर्थ सर्वथा नष्ट हो जाता
है। (2) कई बार विपरीत अर्थ हो जाता है। (3) कई बार आवश्यक अर्थ में कमी रह जाती है। (4) कई बार सत्य किन्तु अप्रासंगिक अर्थ हो जाता है, इस प्रकार अनेक हानियाँ हैं। उदाहरण-संसार में से एक बिन्दु कम बोलने पर ससार (सार सहित) हो जाता है या शास्त्र में से एक मात्रा कम कर देने पर शस्त्र हो जाता है। अत: उच्चारण अत्यन्त शुद्ध
करना चाहिए। प्र. 24. अकाल में स्वाध्याय और काल में अस्वाध्याय से
क्या हानि है? उत्तर जैसे जो राग या रागिनी जिस काल में गाना चाहिए, उससे
भिन्न काल में गाने से अहित होता है, वैसे ही अकाल में स्वाध्याय करने से अहित होता है। यथाकाल स्वाध्याय न करने से ज्ञान में हानि तथा अव्यवस्थितता का दोष उत्पन्न होता है। अकाल में स्वाध्याय करने एवं काल में स्वाध्याय न करने में शास्त्राज्ञा का उल्लंघन होता है। अत: इन अतिचारों का वर्जन करके यथासमय व्यवस्थित रीति से स्वाध्याय करना चाहिए।
{107} श्रावक सामायिक प्रतिक्रमण सूत्र