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लोगुत्तमाणं
सम्पूर्ण लोक में उत्तम। लोग-नाहाणं
सम्पूर्ण लोक के नाथ। लोग-हियाणं
सम्पूर्ण लोक का हित करने वाले। लोग-पईवाणं
लोक में प्रकाशित दीप के समान । लोग-पज्जोअगराणं लोक में धर्म का प्रद्योत (प्रकाश) करने
वाले। अभयदयाणं
सम्पूर्ण जीवों को भय रहित करने वाले
अर्थात् अभय-दान देने वाले। चक्खुदयाणं
ज्ञान रूपी चक्षु देने वाले। मग्गदयाणं
मोक्ष-मार्ग बताने वाले, मार्ग प्रदाता। सरणदयाणं
(कुमार्ग से बचाकर सन्मार्ग में लगाने में सहायक भूत होने से) शरण देने वाले
अर्थात् शरणदाता। जीवदयाणं
संयम-मय जीवन देने वाले। बोहिदयाणं
सम्यक्त्व रत्न रूपी बोधि के दाता । धम्मदयाणं
धर्म ग्रहण कराने वाले (धर्म पथ का बोध
देने वाले) धर्म दाता। धम्मदेसयाणं
धर्मोपदेशक। धम्मनायगाणं
धर्म संघ का नायकत्व करने से धर्म के
नेता। धम्मसारहीणं
धर्म रूप रथ को चलाने वाले धर्म सारथी। धम्मवर-चाउरत
चार गति का अन्त करने वाले श्रेष्ठ धर्म । चक्कवट्टीणं
चक्रवर्ती। दीवोत्ताणं
संसार-सागर में द्वीप के समान त्राण
(सहारा-रक्षक) आधारभूत । {54} श्रावक सामायिक प्रतिक्रमण सूत्र