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प्रतिक्रगण सूत्र कठिन शब्दार्थ
इच्छामि णं भंते का पाठ
तप
इच्छामि णं भंते ! हे भगवान ! चाहता हूँ यानी मेरी इच्छा है। तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे इसलिए आपके द्वारा आज्ञा मिलने पर । देवसियं पडिक्कमणं दिवस सम्बन्धी प्रतिक्रमण को। ठाएमि
करता हूँ। (व) देवसिय-नाण-दसण- दिवस सम्बन्धी ज्ञान-दर्शन । चरित्ताचरित्त
श्रावक व्रत तवअइयार-चिंतणत्थं अतिचारों का चिन्तन करने के लिए। करेमि काउस्सगं कायोत्सर्ग करता हूँ।
इच्छामि ठामि का पाठ इच्छामि ठामि काउस्सगं मैं कायोत्सर्ग करना चाहता हूँ। जो मे देवसिओ
जो मैंने दिवस सम्बन्धी। अइयारो कओ
अतिचार (दोष) सेवन किये हैं। (चाहे वे) काइओ, वाइओ, माणसिओ काया, वचन व मन सम्बन्धी। उस्सुत्तो
सूत्र सिद्धान्त के विपरीत उत्सूत्र की प्ररूपणा
की हो। उम्मग्गो
जिनेन्द्र प्ररूपित मार्ग से विपरीत उन्मार्ग का कथन व आचरण किया हो।
{58} श्रावक सामायिक प्रतिक्रमण सूत्र