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सद्दाणुवाए
रुवाणुवाए
बहिया-पुग्गल-पक्खेवे
असणं
पाणं
खाइम
साइमं
अबंभ सेवन अमुकमणि सुवर्ण
माला
वणग्ग
विलेवण
सत्थ
मूसलादिक
सावज्जजोग
शय्यासंधारा
सेवक के साथ वस्तु को बाहर भेजना। सीमा से बाहर के मनुष्य को खाँस कर या और किसी शब्द के द्वारा अपना ज्ञान
कराना ।
रूप दिखाकर सीमा से बाहर के मनुष्य को
अपने भाव प्रकट किये हों ।
बुलाने के लिए कंकर आदि फेंकना ।
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दाल-भात, रोटी, अन्न तथा शरबत, आदि विगय ।
धोवन पानी।
दूध
फल मेवा आदि।
लॉग, सुपारी, इलायची, चूर्ण आदि भोजन के बाद खाने लायक स्वादिष्ट पदार्थ ।
मैथुन ( कुशील व्यभिचार ) सेवन ।
मणि, मोती तथा सोने-चाँदी आभूषण आदि।
फूल माला ।
सुगन्धित चूर्ण आदि ।
चन्दन आदि का लेप ।
तलवार आदि शस्त्र ।
मूसल आदि औजार।
पाप सहित व्यापार ।
शयन आदि का आसन ।
{76} श्रावक सामायिक प्रतिक्रमण सूत्र