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नवकार महामन्त्र णमो अरिहंताणं
अरिहंत भगवन्तों को नमस्कार हो। णमो सिद्धाणं
सिद्ध भगवंतों को नमस्कार हो। णमो आयरियाणं
आचार्यों को नमस्कार हो। णमो उवज्झायाणं उपाध्यायों को नमस्कार हो। णमो लोए सव्वसाहूणं लोक में सब साधुओं को नमस्कार हो। एसो पंच
पाँच अर्थात् पाँचों पदों को किया गया। णमोक्कारो
नमस्कार। सव्व-पावप्पणासणो सब पापों का नाश करने वाला है। मंगलाणं च सव्वेसिं और सभी मंगलों में। पढम हवइ मंगलं प्रथम (प्रधान-सर्वोत्कृष्ट-सर्वोत्तम) मंगल
यह।
ईपिथिक सूत्र इच्छाकारेणं संदिसह भगवं! हे भगवान! इच्छापूर्वक आज्ञा दीजिए
(क्योंकि मेरी इच्छा है कि मैं)। इरियावहियं पडिक्कमामि मार्ग में आने-जाने सम्बन्धी क्रिया का
प्रतिक्रमण करूँ। आज्ञा मिलने पर साधक बोलता है कि
आपकी आज्ञा स्वीकार । इच्छामि
चाहता हूँ। पडिक्कमि
निवृत्त होना (प्रतिक्रमण करना)। {47} श्रावक सामायिक प्रतिक्रमण सूत्र
इच्छं