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२-बस्ती ज़िला
(गैजेटियर छपा सन् १६०७) इसकी चौहद्दी इस प्रकार है:-इसके पूर्व गोरखपुर, पश्चिम गोंडा, दक्षिण घाघरा नदी, उत्तर नेपाल की हद्द ।
इसमें २७६५ वर्ग मील स्थान है।
इसके इतिहास में यह वर्णन दिया हुआ है कि यहां कुशान, सुंग, अहिच्छत्र और अन्य प्राचीन राजाओं के सिक्के मिले हैं। प्राचीन ईटों के मकानों के भग्न-शेष अमोढ़ा, बखीरडीह, बराहछत्र, भिदा, भरी, कल्हेट, ग्वेरनीपुर, नगर, रामपुर, तथा वरई में मिलते हैं। नेपाली हद्द के निकट पीपरहवा कोट में एक स्तूप का पता लगा है जो सन् ई० से ४५० वर्ष पूर्व का है। यह बौद्धों
२ इस स्तूप का पता सन् १८१८ ईस्वी में मि. पेपे साहब ने लगाया था। स्तूप के अन्दर से एक पत्थर का वहुत सुन्दर घट प्राप्त हुआ है जिसके अपर सखिल निधने बुधस मगवतो ' ऐसा लेख भी है। इससे स्पष्ट है कि उसमें बुद्धदेव की भस्म रक्षित की गई थी और यह स्तुप वुडदेव की मृत्यु के कुछ ही पश्चात निर्माण किया गया होगा। साथ ही इसमें से बहुत से सोने, चांदी, हीरा मोती जवाहर श्रादि के बहु मल्य श्राभूषण भी प्राप्त हुए
जो उस प्राचीन काल के ऐश्वर्य और कारीगरी के परिचायक हैं। घट पर के लेख से सिद्ध है कि ईसा के पूर्व पांचवीं शताब्दि में लेखन करना भारत-वर्ष में सुप्रचलित थी।
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