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सं० प्रा० प्राचीन जन स्मारक ।
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(४) पद्मासन तीर्थंकर २३ अन्य सहित १ फुट २॥ इंच ।
, १ फुट ३१ इंच।
., १ फुट ५ इंच। (७) खड़गासन तीर्थकर
, १ फुट ११॥ इंच।
फुट ६॥ इंच। (६) ,
. १ फुट २॥ इंच। . (१०) पद्मासन तीर्थंकर के दो खंड । (११) एक खंडित पट जिस पर एक तीर्थंकर वृक्ष के ऊपर
बैठे हैं व एक कोई वृक्ष पर चढ़ता दिखाया गया है
१ फुट ७ इंच। (१२) एक खजूर के वृक्ष के नीचे स्त्री पुरुष बैठे हैं । १०। इंच। (१३) खंडित-पांच पद्मासन तीर्थकर खुदे हैं। मध्य में नागफन
सहित हैं, तथा अन्य टूटे पत्थर भी हैं। नोट-यह सहेठ महेठ जैनियों का पूजनीय स्थान है । जैनियों को चाहिये कि अपना मन्दिर फिर बनायें. व जो अखंडित मूर्तियां यहां से गई हैं उनको प्राप्त कर विराजमान
___ कनिंघम साहब की रिपोर्ट प्रारकिलाजिकल सरवे इंडिया जिल्द ११वीं में श्रावस्ती के सम्बन्ध में यह विशेष वर्णन है कि श्रावस्ती का नया नाम चंद्रिकापुरी था। इसके नीचे लिखे राजा प्रसिद्ध हो गए हैं:
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