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सं० प्रा० प्राचीन जैन स्मारक।
(२) कन्नौज-यहां गुप्तों ने राज्य किया है। समुद्र गुप्त ने सन् ई० ३२६ से ३३६ तक राज्य किया । जब चीनी यात्री फाहियान आया था व यहां सन ३६६ से ४१४ तक ठहरा था तब चंद्रगुप्त द्वितीय राज्य करते थे। गुप्तों के पीछे मौखरियों ने राज्य किया । सातवीं शताब्दी के प्रारंभ के अनुमान मौखरी राजा गृहवर्मन् ने थानेश्वर के प्रभाकर को लेकर मालवा के राजा शिलादित्य से युद्ध किया, परंतु हार गया। कन्नौज को गौड़ के राजा शशांक के अधिकार में छोड़कर शिलादित्य थानेश्वर तक गया परंतु सन ६०६ में प्रभाकरके पुत्र राज्य ने उसे नष्ट किया, परंतु जब राज्य को शशांक ने मार डाला तब उसके छोटे भाई हर्ष ने अपना अधिकार जमाया। यही हर्षवर्द्धन-भारत का बड़ा राजा हो गया है। कन्नौज उसकी राजधानी थी। जब हुइनसांग चीनी यात्री यहां आया तब यह कन्नौज एक बड़ा समृद्धिशाली नगर था। राजा हर्ष पक्का बौद्ध था। नोट-इसके पहले के राजा जैन होने चाहिये-खोज होने की जरूरत है )। हर्ष ६४८ में मर गया। यशोवर्मा राजा ने* सन ७८१ में हर्ष के राज्य को विजय कर लिया। यशोवर्मा के पीछे वज्र युद्ध ने फिर इन्द
- (जैन प्रभावक चरित्र में यशोवर्मा का वर्णन है ऐसा विन्सेन्ट स्मिथ ने रायलएसियाटिक सोसाइटी जनेख सन् १६०८ सफा ७८६ में लिखा है ( नोट यह शायद श्वेत मालूम होता है ) यहां इन्द्र युद्ध ७८३ ई० में राज्य करता था, यह बात जैन हरिवंश पुराण से मालम होती है)।
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