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३१-मैनपुरी
(गज़ टियर छ० १९१०) इसकी चौहद्दी इस प्रकार है:
उत्तर में एटा, पूर्व में फर्रुखाबाद, दक्षिण में इटावा आगरा, पश्चिम में घागरा और एटा ज़िला।
यहां १६४७ वर्ग मील स्थान है।
(१) अकबरपर औंचा-पर्गना घिरोर । मैनपुरी से १६ मील । यहां के प्राचीन खंडहरों को देखकर यह अनुमान होता है कि यहां प्राचीन नगर था। चारों तरफ पुरानी ईंटों के बने कुएं मिलते हैं। पत्थर के मन्दिरों के ध्वंश हैं जिनको हिन्दुओं के मन्दिरों में लगा लिया गया है। एक पत्थर पर एक लेख है जो संस्कृत में संवत ३३४ का है। एक प्राचीन मन्दिर अभी तक बना है जो पत्थर के टुकड़ों से ढक रहा है । इस ग्राम के मालिक पहले फर्रुखाबाद के विशनगढ़ के जयचंद थे अब कानपुर के गोपीप्रसाद खत्री हैं । इनका भतीजा गोपीनारायण है। इस प्राचीन मन्दिर को बाहर निकालना चाहिये।
(नोट-जैनियों को इसकी पूरी खोज करनी चाहिये)।
(२) करीमगंज-मैनपुरी से ६ मील । एक बड़ी प्रसिद्ध जगह है। प्राचीन नगर के कुछ अवशेष हैं। सड़क पर एक द्वार के चिह्न हैं व सड़क के बाहर दूसरे द्वार के चिह्न हैं । एक खंडित मूर्ति सड़क के किनारे पड़ी है।
नोट-इसकी भी जांच होनी चाहिये।
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