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३०-इटावा
(गजेटियर छ० १६११) इसकी चौहद्दी इस प्रकार है:-उत्तर में फर्रुखाबाद मैनपुरी जिले, पश्चिम में आगरा, पूर्व में कानपुर, दक्षिण में जालौन, ग्वालियर राज्य।
यहां १६६१ वर्गमील स्थान है।
इस गजेटियर में इस जिले की किसी भी प्राचीन बात का वर्णन नहीं है।
हम नीचे लिखे स्थान पर ता० ४ अप्रैल १९२३ को गए थे जिसका कुछ वर्णन यह है।
(१) असाई खेड़ा-इटावा से ६ मील एक प्राचीन नगर ध्वंस पड़ा है-३ मील तक खंडहर मिलते हैं । यहां किला है। ग्राम के लोग कहते हैं कि यहां राजा जयचंद की नगरी थी। इस ग्राम के १ मील इधर बिरहोपुरा में वृक्ष के नीचे जैन प्रतिमाएं मिलती हैं। खास ग्राम में कई जगह मूर्तिये हैं। एक टीले पर ३ मूर्तियां खडगासन हैं जो तीन २ हाथ ऊंची हैं। अभी तक इटावे के जैनी लड़कों का मुंडन कराने को यहां
आते हैं। एक ग्वाल के घर एक महावीर स्वामी की मूर्ति भीत पर जड़ी है जिस पर संवत १६०८ लिखा है। एक खेत
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