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सं० प्रा० प्राचीन जैन स्नारक ।
स्तूप समझा जाता है । यह मोरधज नाम मोरध्वज का अप भ्रंश है। पांडवों के समय में यह मोरध्वज स्वयं अवध में व इसका पुत्र पिलाध्वज विजनौर में रहते थे। दूसरी कहावत यह है कि यह वही जैन शत्रु सय्यद सालार का है जो वह रायच में मारा गया था ।
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