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२० - खेरी
( गज़ेटियर छपा १६०५ )
इसकी चौहद्दी यह हैं:- पूर्व में बहरायच ज़िला । दक्षिण में सीतापुर और हरदोई जिला । पश्चिम में शाहजहांपुर और पीलीभीत। उत्तर में नेपाल । इसमें २६६३ वर्ग मील स्थान है ।
यहां बहुत से प्राचीन स्थान हैं जिनकी खुदाई होनी वाकी है। खैरीगढ़ के पास कुंडलपुर एक वह स्थान है जहां पर से श्री कृष्ण रुक्मणी को ले गये थे । थोड़ी सी पुरातत्त्व विभाग द्वारा खुदाई होने से यह प्रगट होता है कि कुछ काल तक यह बौद्धों के हाथ में था । सब से प्राचीन वस्तु एक पत्थर का घोड़ा है जो खेरागढ़ किले से २ मील जंगल में खड़ा हुआ था । वह अब लखनऊ के अजायब घर में रक्खा है । इस घोड़े का चिन्ह उस चिह्न से मिलता है जो समुद्रगुप्त के सिक्कों पर है, जो चौथी शताब्दी में हो गया है ।
(१) गोला - पर्गना हैदराबाद- तहसील मुहमदी । वह जगह बहुत ही प्राचीन है । यह बौद्धों की पूजा का केन्द्र था । मूर्ति मिली है।
(२) पैला - पर्गना व तहसील लखीमपुर से पश्चिम १२ मील, निमगांव से दक्षिण २ मील । यह स्थान पुराने समय में
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