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२४-बरेली
(गजेटियर छपा १९११) इसकी चौहद्दी इस प्रकार है:-उत्तर में नैनीताल, पूर्व में पीलीभीत, दक्षिण-पूर्व में शाहजहांपुर, दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम में बदाऊं । पश्चिम में रामपुर राज । यहां १५७६ वर्ग मील स्थान है।
(१) अहिच्छत्र-यह स्वतंत्र वंश की राजधानी रह चुकी है। यहां अशोक ने एक स्तूप बनाया था। यहां बहुत से सिक्के मिले हैं जिन पर अग्निमित्र, सूर्यमित्र, भानुमित्र, विष्णुमित्र, भद्रघोष ध्रुवमित्र, जयमित्र, इन्द्रमित्र, फल्गुनि मित्र वहसत या वृहस्पति मित्र के नाम दिये हुए है। उन्होंने यहां सन् ई० से २०० वर्ष पूर्व से १०० सन् ई० तक राज किया । वे लोग सुंगवंश के होंगे। ऐसे ही सिके अलाहाबाद के कोसाम्बी में तथा बस्ती और पूर्वीय अवध में मिले हैं। पिछले काल में बौद्ध राजा अच्युत ने भी यहां राज्य किया है। इसका नाम समुद्रगुप्त के अलाहाबाद के लेख में दो दफे आया था जिसने सन ई० ३३० में राज्य किया था। यह अहिछत्र हर्ष वर्धन के राज्य में भी शामिल हुआ था । अहिछत्र पर राज्य करने वालों में दूसरा प्रसिद्ध राजा मयूरध्वज
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