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सं० प्रा० प्राचीन जैन स्मारक।
नोट--यहां जैन चिन्ह ढूंढना चाहिये। (३) कोसाम-यह मझानपुर से दक्षिण १२ मील है। यह जगह प्राचीन स्मारकों से पूर्ण है । दि० जैनियों के मंदिर हैं। दि० जैन लोग पूजा के लिये जाते रहते है । यहां पोसा नाम की पहाड़ी है जो कोसाम से पश्चिम ३ मील है। यहां एक स्तंभ और एक जैन मंदिर है। यहां श्रास पास खेतों में बहुत सी जैन मूर्तियां व कारीगरी की चीजें मिलती हैं जिससे सिद्ध है कि इस स्थान से जैनियों का प्राचीन सम्बन्ध था। ___ अरकिलाजिकल सरवे रिपोर्ट सन् १९१३-१४ से नीचे लिखा हाल मिला है -सफा २६२
कोसाम के कुछ स्मारक-यह कौशाम्बी का प्राचीन नगर है । अलाहाबाद से दक्षिण पश्चिम ३१ मील है। यह जैनियों की प्रसिद्ध पवित्र जगह है। वर्षात में यहां बहुत संख्या में हर जगह प्राचीन. सिके आदि मिलते हैं। सन् १६०८ में बसु महाशय ने बहुत से प्राचीन स्मारक संग्रह किये थे जिनमें मुख्य एक बहुत प्राचीन से प्राचीन शिला लेख है और प्राय पट्ट का एक सुन्दर नमूना है तथा एक जैन मूर्ति का मस्तक है ।
( देखा पभोप्सा की गुफा के श्रापाढ़ सेन और वहसतिमित्र के लेख जिनका सम्पादन डाक्टर फुहरर ने किया है। एपिनोफिया इंडिका जिल्द दो सफा २४०-२४१)।
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