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सं० प्रा० प्राचीन जैन स्मारक
पर भी दर्शन के लिये जाते हैं:-उर्छा राज्य में पयोरा, ग्वालियर में चंदेरी, थोवों, तथा मकसी, दतिया में सोना गिर और बिजावर में सेन्या ।
(१) बलवेहाट-परगना,तहसील ललितपुर । इस परगने में कुछ प्रसिद्ध पुरातत्व के स्मारक चांदपुर, दुधई तथा देवगढ़ में हैं । यह प्रदेश बहुत प्राचीन ऐतिहासिक घटनाओंका स्थल रहा है । यहां से १०० गज़ पर महोली में दो पाषाण के स्तंभ २० तथा १२ फुट ऊंचे हैं जिनको मदवार कहते हैं। ये इतिहास के समय के पूर्व के हैं ( अर्थात् २५०० वर्ष से पहले के)। इसी तरह बहुत से खंडहर किरौदा, लिधोरा, पाली, वंदरगुढ़ा, कोरिया तथा महोली में हैं। नोट-इन सब की खोज होने की ज़रूरत है।
(२) बानपुर परगना, तहसील महरोनी। यहां पर देखने योग्य कई पुरातत्व के स्मारक हैं । खजरा में एक मंदिर गोदों का बनवाया हुआ है। बानपुर और गुगरवारा में चंदेल राजाओं के बनवाए हुए मंदिर हैं । बानपुर में खंडित बन्देलां का महल तथा वार और केलगवां में बुन्देलों के किले दर्शनीय हैं । दसरारा में एक मंदिर इतना प्राचीन है जिसका पता नहीं । बरताला और विलाता में खंडित किले हैं । नोट-इनकी जांच होनी चाहिये।
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