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१३-झांसी
( गजेटियर छपा १६०६ ) इसकी चौहद्दी इस प्रकार है-उत्तर व उत्तर-पश्चिमहमीरपुर व दतिया, ग्वालियर व संथर राज्य, पश्चिम में खनिया धाना राज्य, दक्षिण में जिला सागर, पूर्व में ओरछा राज्य । इसमें ३६३४ वर्ग मील स्थान है। ___ इसके इतिहास में लेख है कि देवगढ़ व अन्य स्थानों पर जो गुप्त काल के लेख मिलते हैं उनसे प्रगट होता है कि यह प्रदेश चौथी पांचवीं शताब्दी में गुप्तवंश के राजाओं के अधिकार में था।
इसके सफा में उल्लेख है कि प्राचीन कहावतों से यह सिद्ध होता है कि यहां पाराशाह और उनके दो भाई देवपत और खेवपत का बहुत प्रभाव था जो जैनी थे और बहुत बड़े धनाढ्य थे। इन्होंने देवगढ़ व दूसरे स्थानों पर बहुत से जिन मंदिर बनवाए थे । उत्तर भारत के प्रसिद्ध धर्मस्थानों को जो जैन लोग जाते हैं, वे ललितपुर के चार स्थानों पर भी यात्रा करते हैं अर्थात् तलवेहाट में पवा की, बलवेहाट मे देवगढ़ की, वंसी में सिरा कला को तथा ललितपुर नगर में क्षेत्रपाल मन्दिर की। जैन लोग निम्न स्थानों
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