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हमीरपुर।
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नं० २१-सं० १९४२ आदिनाथ श्रेणी बरवतशाह सेठानी प्रभावती।
नं० २२-पार्श्वनाथ जी का मंदिर है। नं० २३ और २४-आदिनाथ और पार्श्वनाथ के मन्दिर हैं।
नं० २५-बड़ा ही सुन्दर जैन मन्दिर (finest Jain temple) ६० फुट से ३० फुट। उसके द्वार पर जो लेख है वह ऊपर लिखा है। इस मन्दिर की भीत पर ये लेख हैं (१) राजपुत्र श्री जयसिंह (२) राजपुत्र श्री जयसिंह भ्राता पुत्र श्री पिथान (३) प्राचार्य श्री देवचंद्र शिष्य कुमुदचंद्र, भ्रातापुत्र देवशर्मा (e) एक यंत्र ३४ का है।
- नोट-इस यंत्र में सब तरफ २ १३ | ८ | ११
__ से ३४ का जोड़ पाता है।
२०ins आता है। | १६ | ३ | १० | ५ नं० २६-प्राचीन जैन मंदिर।
६ । ६ | १५ | ४ । इसमें श्री आदिनाथ की षड़गासन १४ फुट है । सं० १०८५ श्री ठक्कुर पुत्र अचक्षका तथा देवधर पुत्र श्री शिवि श्रीचंद्रदेव।
नं० २७–प्राचीन जैन मंदिर श्री आदिनाथ व अन्य बहुतसी जैन मूर्तियां । श्री संभवनाथ का लेख ऊपर दिया है। _ नं० २८-महोबा या महोत्सवपुर में २० फुट ऊंचा टीला है, यहाँ बहुत जैन मूर्तियां खंडित मिली हैं।
(५) चंदेरी-चंदेरी नगर से उत्तर पश्चिम मील । इसको
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