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सं० प्रा० प्राचीन जैन स्मारक ।
वाणभट्ट लिखते है कि नरवर्धन तथा बज्रिणी देवी से राज्य बर्धन प्रथम हुए । उनकी स्त्री अप्सरा देवी पुत्र आदित्य वर्धन उनकी स्त्री महासेनगुप्ता देवी, पुत्र प्रभाकरवर्धन उनकी स्त्री यशोमति पुत्र एक राज्यवर्धन नं० २ व दूसरा हर्ष हुए । यह ताम्रपत्र लखनऊ अजायब घर में है।
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