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सं० प्रा० प्राचीन जैन स्मारक ।
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आगे पश्चिम में जाकर श्ररिहर में सर्व पृथ्वी पत्थर के टुकड़ों से व्याप्त है । मासवान डीह का बहुत बड़ा टीला है जोकि ज़हूरगंज के उत्तर करीब १ मील में है । जब चीनी यात्री हुइनसांग यहां आया तब इस देश का नाम युधपतिपुर, युधरामपुर, तथा गुर्जुपतिपुर प्रसिद्ध था । गाज़ीपुर के प्राचीन स्थान ।
(१) औंरिहर - गाजीपुर से २६ मील। यहां बहुत पुराने खंडहर हैं ।
(२) वारा - तहसील जुमनिया । गहमर से ३ मील । यह एक प्राचीन स्थान है । प्राचीन नाम वीरपुर है। पश्चिम की तरफ करीब १ मील तक एक बड़ा टीला और बहुत से भन मकान दिखलाई पड़ते हैं ।
(३) भितरी - तहसील सैदपुर । गाज़ीपुर से २ मील । यह बहुत प्राचीन स्थान है। बहुत से टीले हैं। किले के भीतर एक पाषाण के ऊपर एक लाल पत्थर का प्रसिद्ध स्तंभ है । यह २८ || फुट ऊंचा है ।
इस स्तम्भ पर एक लेख है जिसमें राजा स्कन्दगुप्त का वर्णन है, जो कुमारगुप्त के पीछे राजा हुए। इस स्तंभ के नीचे की तरफ़ खुदाई करने से कुछ बड़ी ईंटें मिली हैं
देखो जर्नल एसियाटिक सोसाइटी बंगाल छठा भाग एक, और जर्नल बायल एसि० स० बम्बई जिल्द १० वीं सफा ५६ और १६ वीं सफा ३४६
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