Book Title: Samaj Vyavastha ke Sutra
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 19
________________ समाज-व्यवस्था के सूत्र बात करें तो भी आकाशीय उड़ान बन जाएगा। जीवन की परम समस्याएँ, जो सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक हैं-इन सारी समस्याओं के सन्दर्भ में प्रेक्षा को समझने का प्रयत्न करें और यह जानें कि प्रेक्षा का इनसे क्या सम्बन्ध है ! इधर ध्यान चलता है और उधर समस्याएँ एक-एक कर आ रही हैं। दोनों में क्या सम्बन्ध है ? क्या सामंजस्य है ? ध्यान की प्रक्रिया से, इस आन्तरिक प्रेक्षा से इन बाहरी समस्याओं का समाधान मिल सकता है। इस ओर गहरा चिन्तन, मनन करना होगा। तब हम ध्यान की सचाई को भी समझ पाएँगे और समस्याओं की यथार्थता को भी समझ पाएँगे। हम यह भी जानेंगे कि किस प्रकार आन्तरिक परिवर्तनों के द्वारा वाहरी जगत् में परिवर्तन सम्भव हो सकता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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