Book Title: Samaj Vyavastha ke Sutra
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 34
________________ समाज-व्यवस्था के दो सूत्र २६ घटना घटित कर देते हैं, नई क्रान्ति ला देते हैं। कभी किसी व्यक्ति में ये विचार प्रवेश करते हैं और तब नई घटना घटित हो जाती है। हम इस पर चिन्तन करें कि पदार्थ-प्रतिबद्ध समाज में जो प्रतिक्रियाएँ हो रही हैं, वे मानव-जाति के लिए कल्याणकारी नहीं हैं, सुविधाजनक नहीं हैं। किन्तु पदार्थ मुक्त समाज की जो कल्पना है वह समाज के लिए उत्थानकारी है और व्यक्ति के आध्यात्मिक विकास और चेतना के रूपान्तरण के लिए उपयोगी है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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