________________
Verse 52
प्राणातिपातवितथव्याहारस्तेयकाममूर्छाभ्यः । स्थूलेभ्यः पापेभ्यो व्युपरमणमणुव्रतं भवति ॥ ५२ ॥
सामान्यार्थ - हिंसा, झूठ, चोरी, कुशील (अब्रह्म) और मूर्छा - इन स्थूल पापों से विरक्त होना अणुव्रत है।
Observance of the small vows (aņuvrata) means to desist from gross forms of these evils - injury (himsā), falsehood (anta), stealing (steya), unchastity (abrahma or kuśīla), and attachment to possessions (parigraha).
........................
87