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मांडाणी ननर में विविध अनुष्ठानों से भरपूर चातुर्मास .. ... और
. पर्वाधिराज की अद्वितिय आराधना
प्रवचन प्रभावंक आचार्य श्री विजय भुवनसूरीश्वरजी म. सा. अपने विद्वान शिष्यरत्न पूज्य मुनिराज जिनचन्द्रविजयजी, पू. रसिक विजयजी, पू० प्रसन्नचन्द्र विजयजी, पू० बालमुनि शरचन्द्र विजयजी, विश्वचन्द्र विजयंजी आदि शिष्य प्रशिष्यादि परिवार समेत जेठ वदी छ के मंगल प्रभातमें मांडाणी (राजस्थान) संघकी वर्षा की आग्रहभरी विनती को मान देकर यहां पधारने पर बेन्ड, देशी वाद्य मंडली आदि से भव्य स्वागत-स्वारी निकली । ..पूरा गाँव सन्मुख आया था। जगह जगह से पू० श्रीको. वधा लिया था । सामैया से उपाश्रय में उतरते हुए "धर्मामृत की विशेषता" इस विषयपर प्रवचन हुआ था। अंतमें प्रभावना. हुई थी। . .:. :: सूत्र बांचना:
अषाढ़ सुंदी २ से व्याख्यान में धर्मबिन्दु प्रकरण तथा मलया सुंदरी चरित्र चालु होनेसे गृहांगणमें ले जानेका चढावा श्री शंकरलालजीने
लिया था । ... वाजते गाजते गृहागन में पधरा के रात्रिजागरण किया : था . .
• प्रभात में वरघोड़ा ( जुलस) काढ के ले आये. थे । ... सूत्र वहोराने •का, पांच ज्ञान पूजा और मुलपूजन आदिका . चढावा अच्छे प्रमाण में हुआ था। तदनुसार: सूत्रकी क्रिया समाप्त
होने के पश्चात् . पू. आचार्यश्री ने अपनी मधुर शैलीसे. सूत्रका प्रारंभ " किया था । अंतमें प्रभावना हुई थी। . : .. .....