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श्रा को अ प्रकार पयर पयार प्रचार पयर
पयार प्रहार पहर पहार प्रवाह पवह
पवाह प्रस्ताव
पत्थव पत्थाव यहाँ यह नियम स्मरण में रखना चाहिए कि ये सभी नाम भाववाचक और नरजाति के ही हैं।
इको एक पिष्ट
पिह सिन्दूर
(४)
पे
सेन्दूर
सिंदूर
पिंड
पिण्ड विष्णु
दंड वेण्हु बेल्ल
विण्हु
बिल्व
बिल्ल इन सभी उदाहरणों में 'इकार' संयुक्त अक्षर के पूर्व में आया हुआ है।
(पालि भाषा में भी ऐसा ही विधान है । देखो, पा० प्र० पृ० ३इ=ए)
उको 33
उत्सरति उत्सव
ऊसरइ ऊसव
१. हे० प्रा० व्या० ८.१६८।। २. हे० प्रा० व्या०८११८५%3; ३. हे० प्रा० व्या०८११११४।
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