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नीतिमामात .......................... ................................................................ राजमारका वंश नष्ट हो जाता है। इसलिये दुरापारी व नगर व्यक्ति को राज्यपदपर नियुक्त नहीं करना पाहिये val
भागुरि विद्वान् ने भी दुराचारी म्पत्तिको रापपद पर नियुक्त करनेका निषेध किया है।
पिवासे दोहन करनेवाले राजकुमार, उनके माता-पिता, उनसे लाभ, माता-पिता के अनादरसे हानि, उससे प्रात राज्यकी निरर्थकता व पुत्रकर्तव्य
माप्तवियोगदोपदाः मुखोपरूवारच राजपुत्राः पितर नामिबन्ति ॥ मातृषितरो राजपुत्राणां परम देव ॥७६॥ यत्प्रसादादात्मलामो राज्यलाभश्च ॥७७|| माषितम्या मनसायपमानवनिमुखा मपि पियो विमुस्खा भवन्ति ॥७॥ किं तेन राज्येन पत्र दुरपवादोपहत जन्म | ७६। स्वचिदपि कखि पितुरानो नो रुपयेत् ।।०॥
मर्थ-जो सबकुमार वंशपरम्परासे पो पाये निजी विद्वानों द्वारा विनय प सदापारमारि . की मैतिक शिक्षासे सुशिक्षित और सुसंस्कृत किये जाकर पढ़ाये गये हैं जिनका लालन-पालन मुखपूर्वक कियागया है, ये कभी भी अपने पितासे द्रोह नहीं करते (उसका अनिष्ट मितवन नहीं करते )
गौतम विदाम् के उद्धरण का भी यही अभिप्राय है ॥१॥
सचम माता-पिता का मिशना राजकुमारों के सम भाग्यका घोतक है। अर्थात् यदि इन्होंने पूर्व जन्ममें पुण्य-संचय किया है तो वे माता-पिता द्वारा राज्यश्री मात करते हैं, अन्यथा नहीं nor
__ गर्ग विहान ने भी राजकुमारों के अनुइन व प्रतिकूल भाम्बसे उन्हें इस अनिष्ट फारेनेवाले माता-पिता की प्राप्तिका निर्देश किया है ॥१॥
__माता-पिवाकी प्रसनतासे ही राजमारोंको शरीर पराम्पाएमी प्राप्ति होती है। सारांसह है कि माता-पिताका पुत्रों के प्रति मनन्त उपकार है, इसलिये मुखामिक्षाको पुत्रों को उनकी पन, मन और घमसे सेवामा करनी चाहिये !
रम्स' विधान के संगृहीत श्लोक सभी यही अभिप्राय है ॥१॥ यो पुत्र माता-पिवाका मनसे भी तिरस्कार-अनादर करते है, उनके पाससे प्रसन्न होकर समीपमें मामेवाती समी भी कह होकर दर माग जाती है। अभिप्राय पहा कि सुख-सम्पत्तिक पुत्रों अपने माता-पिताका मनसे मी तिरस्कार नहीं करना चाहिये। फिर प्रवृत्ति रूपसे तिरस्कार करना हो महामानवका कारण है I
पाषराम विद्वान के सरसका भी यही अभिप्राय है ॥शा . , लाभानि:- कालो दुराचारी बदि सालियोनिमः ।गानामावाति प दावर ॥१॥ . चारीतम:-विधाविया राबताः सुरक्षित गरि गाय सोलन दिसे ॥ पा:-समयदेवी
माणिजे। सभी बचा राभाइम . न्या-भव हिलिनी मनपीजी देव' चाम्या प्रसादेन करीब रायमा + पावरापा-ममतापमानबोरामासमारेषा सपा मापरितम्यासमोसार मासुला।