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( ग ) तभी आप सनातन एवं सुख-निधान 'तुरीय ब्रह्म' से साक्षात्कार करने की योग्यता प्राप्त कर सकेंगे। ___ कदाचित् इसी विचार से यज्ञ-शाला में 'प्रजातवाद' का उपदेश देने के साथ-साथ साकार परमेश्वर का अखण्ड -कीर्तन करने का भी विशेष आयोजन किया गया है ।
मैं आशा करता हूँ कि 'ज्ञान-यज्ञ' के इस अनुष्ठान से, जिसकी इस समय श्री स्वामी चिन्मयानन्द जी व्यवस्था कर रहे हैं, दिल्ली निवासियों को यथेष्ठ लाभ होगा। भगवान करें कि यह 'ज्ञान-यज्ञ' सफलता पूर्वक सम्पन्न हो और इससे आपको जिस ज्ञान की प्राप्ति हो उसके द्वारा आप की साधना सफल हो।
प्रेम तथा शुभ भावों सहित,
उत्तरकाशी
२६-१०-५३
raulatten
शान्तिः
शान्तिः
शान्ति.
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