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मानव भोज्य मीमांसायाम् । ao..98.29°Ches
तृतीयोध्यायः
मांसनामार्थनिर्णयः मांसमत्स्यादिशब्दानां, शास्त्राधारेण निर्णयः । उच्यते भ्रान्त-चित्तानां भ्रमोच्छेदाय केवलम् ।।
अर्थः--इस तीसरे अध्याय में मांस-मत्स्य शब्दों के अर्थ का निर्णय शास्त्रों के आधार से कहा जाता है, जिसका उद्देश्य अविचारक लेखक के लेखों से भ्रान्त बने पाठकों के भ्रमका निवारण करना मात्र है।
मांस की उत्पत्ति और इतिहास मांस शब्द प्रारम्भ में किसी भी पदार्थ के गर्भ अर्थात् भीतरी सार भाग के अर्थ में प्रयुक्त होता था ।
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