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महापुराण
[४८. ५.१
जहि दोसइ तह सोवण्णभवणु जाह दीसह तहिं वर्णसुरहिपवणु। जहिं दोसइ तईि हरिणीलणीलु जाहिं दीसह तहिं वररमणिलीखें। जहिं दीसइ तहिं मंड, विचित्त जहिं दीसइ नहिं घुसिणावलित्तु । जहिं दीसाइ तहिं मुचावलिल्लु अहिं दीसइ तहिं णवतोरणिल्लु । जहिं दीसह तहि कप्पूररेणु जहिं दीसह तहिं गजियकरेणु । जहिं दीसइ तहिं थियकामघेणु जहि दोसइ तहिं वज्जतवेणु । जाहिं दीसह तहिं वीणारबालु जहिं दीसइ तहि अलिउलबमालु । जहिं दीसह तहि चलचिर्धचवलु जहिं वीसइ तहिं ससियंतधवलु ।
जाहिं दीसइ तर्हि विविहुपछवोह जहिं दीसइ तहिं कयरच्छसोहु । १० जहिं दीसह तहिं गलियमऊर जाहि दोसइ तहि सिरिविवफारु ।
घसा-जहिं दीसइ तेत्थु पुरब रु जणमणु राषइ ।
पिययमहि सरीरु जिह तिह चंगळ भावइ ।।१।।
तहिं विजयणदिरे णयंगि सियणेतिया णिएइ छेउओएरी
णिवणिहेलणे सुंदरे । रयणमंचए सुत्तिया । सिविणार ईमे सुंदरी।
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___ जहाँ दिखाई देता है वहाँ स्वर्णभवन है, जहाँ दिखाई देता है यहाँ वनका सुरभित पवन है। जहाँ दिखाई देता है हरे और नील मणियोंसे नील है, जहां दिखाई देता है वहाँ उत्तमस्त्रियोंकी लीला है, जहां दिखाई देता है वहां विचित्र मण्डप है, जहाँ दिखाई देता है वहीं केशरसे विलिप्त है, जी दिखाई देता है बड़ा मकावलिया है, जहां दिखाई देता है वहां न तोरण हैं. जहां दिखाई देता है कपूर की धूल है, जहां दिखाई देता है गरजते हुए हाथी हैं, जहां दिखाई देता है, वहाँ स्थित कामधेनुएँ हैं। जहां दिखाई देता है यहाँ बजते हुए वेणु हैं, जहां दिखाई देता है वीणाके शब्दका निनाद है. जहां दिखाई देता है वहां भ्रमरक्ल कलकल है, जहाँ दिखाई देता है वहाँ चंचल ध्वजाओंसे चपल हैं । जहाँ दिखाई देता है, वहाँ चन्द्रकान्तकी धवलता है। जहाँ दिखाई देता है वहाँ विविष उत्सवोंका समूह है । जहाँ दिखाई देता है, वहां की गयो रथ्या शोभा (मार्ग शोभा) है । जहाँ दिखाई देता है, वहाँ नाचते हुए मयूर हैं। जहां दिखाई देता है, वहाँ श्री और वैभवका विस्तार है।
पत्ता-अहाँ दिखाई देता है, वहाँ वह नगर जनमन-रंजन करता है। जिस प्रकार प्रियतमाका शरीर अच्छा लगता है, उसी प्रकार वह नगर अच्छा लगता है ।।५।।
वहाँ विजयसे आनन्दित होनेवाले राजाके सुन्दर भवन में रत्नमंचपर सोती हुई, नतांगो और श्वेतनेत्रवाली शोदरी वह सुन्दरो स्वप्न में यह देखती है, जो मदजल झर रहा है और जिसपर
५. १. AP गवं । २. P adda after this : जहि धोमा इ तहि खेयरह की लु, जहिं दौसइ तहिं सुरव
रहि मेल । ३. A मंडब । ४. P चलचिधु चवलु । ५. AP सिरिविविहफार | ६. १. AP विजयमंदिरे । २. A उओवरो; P तुच्छमओयरी । ३. AP इमं ।