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महाकवि पुरुषवन्त विरचित
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गिद्ध अद्धजोयणविस्थिण्णी पाणावणतस्वरसंछपणी। जिष्णपयसेवा इच फलेभाइणि बहुमुणिलक्खमोक्खसुहदाइणि । पुण्ण पवित पावस्त्रयगारी दीसह सिल णं सिद्धिभडारी। कहिं वि दंतिदंतरगाह खंडिय सीहणहरचुयमोतियमंडिय । कहिं वि पलिप्पइ जालावलणे मिडिवाढाणिहसणरुइजलणे । कहिं वि जक्खिपयघुसिणं लिप्पैइ चकतजलधारइ धुप्पइ। कहिं वि णीलगलणियरहि गोलिय वर्णयवधूमधारें मइलिय । कहि वि फुरइ घणदिमिरविमुक्कहिं सपफडाकडप्पमाणिचाहिं । कहिं दि भमियमिगणाहिमओहें सुरहिय सेविय भमरसमूहें। कहि वि वियंभिय सुइसुहगौरव किंणरगेयवेणुवीणारवं । सा परियंचेप्पिणु अचेप्पिणु सिद्धसेस रापहि लएप्पिणु । घचा-पुणु भणित अणंतु पेक्खहुँ सिल अण्णावहि" ॥ हयकंठकयंतु होसि ण होसि वदावहि ॥११॥
१२ ता सिल बम्बायंतहु कण्हा दुजणदेहवियारणतण्हहु । पवरकरिकरायारहिं बाहिं पाहाणुट्टियभूसणरे हिं।
स्निग्ध आधे योजन विस्तीर्ण, तरह-तरह के वमवृक्षोंसे आच्छन्द, जिनपदकी सेवाके समान फलकी भाजन, अनेक लाखों मुनियोंको मोक्ष-सुख देनेवाली। पुण्यसे पवित्र और पापका क्षय करनेवाली । वह शिक्षा ऐसी दिखाई देती है मानो सिविरूपी भट्टारिका हो । कहींपर वह हाथियोंके दांतोंके अग्रभागसे खण्डित थी, कहींपर सिंहोंके नखोंसे च्युत मोतियोंसे अलंकृत पो। कहींपर ज्वालाके जलनेसे प्रज्वलित थी, कहींपर सुअरकी दालोंके संघर्षणसे उत्पन्न ज्यालासे, कहींपर यक्षिणीके पैरोंकी केशरसे रंजित है, और चन्द्रकान्त मणिको जलधारासे घुली हुई है, कहींपर मयूरोंके समूहसे नोलो, और दावाग्निके धुएंसे काली। कहींपर सघन अन्धकारसे मुक्त, सर्पके फनसमूहके माणिक्योंसे चमकती है। कहींपर घूमते हुए कस्तुरीमृगके मदसमूहसे सुरभित है और भ्रमर समूहसे सेवित है, कहींपर पवित्रता, सुख और गौरव फैल रहा है और किन्नरों के द्वारा गाये वेणु और वीणाके शब्द हैं। उसकी परिक्रमा और पूजा कर और राजाओंके द्वारा अक्षत लेकर
पत्ता-नारायणसे फिर कहा गया हम देखें, तुम शिला उठाओ और बताओ कि वह अश्वग्रीवके लिए यम होगी या नहीं होगी ? ||११॥
१२ जिसे दुर्जन देहके विदारणको तृष्णा है, ऐसे तथा शिलाको उठाते हुए कृष्णकी, प्रवर गजको सूड़के समान तथा पत्यरपर लिखी गयी भूषण-रेखाओंवाली बाहुओंसे हरिण उरतलपर गिर पड़े। ११.१ AP बमोयण । २. A फलुभाषिणि; P फलभाविणि । ३. AP°जलणें । ४. A लिपह । ५. A
णीलमणिणियरहिं । ६. P वणद। ७. AP मृगणाहि। ८. AP सुरहिपसेविय । १. A°गारउ । १०. वोणारत । ११. A चावहि; P ओचावहि । १२. A दाबइ।