Book Title: Mahapurana Part 3
Author(s): Pushpadant, P L Vaidya
Publisher: Bharatiya Gyanpith

View full book text
Previous | Next

Page 513
________________ -XLVI ] अंगरेजी टिप्पणियों का हिन्दी अनुवाद ५१७ नगर या राजधानी छोड़ दी जाती है तो व्यक्ति शीघ्र तपस्या ग्रहण कर सकता है। यदि राजा अपना राज्य छोड़ता है, तो वह संसार से मुक्ति पा सकता है 4. 1-5 मिहोगुणठाणवएहिं विमी - अहमिन्द्र जोवनकी आयु बोस सागर प्रमाण थी, उसमें 99 ( प्रतिमाओं की संख्या ) मिलानेसे कुल इकतोस सागरयो ! 10b हुमाजवु— नीच व्यक्ति । 8. 10. 46 पंक्ति इस प्रकार पड़ी जानी चाहिए- सबंधु पेरि णिच्वसमाणु — जो अपने परिवारजनों और शत्रुओंसे समान भाव रखते थे । XLIV 3. 8a परमारसरिणाय - ऋषभ के वंश में उत्पन्न । प्रथम तीर्थकर जो परमर्षि है । 11 परिमाणु- यहाँ परमाणुका रूप है- अणु । संसार में जितने परमाणु प्राप्त हैं उनसे सुपार्श्वका शरीर बनाया गया । 6. 7. 5 उडुपर लट्टड नक्षत्रों का पतन या उल्काओं का पतन | जो संसारकी क्षणभंगुरताकी सूचक थीं। 9. 56 जलहिमाणि क आणि ड – क्या हम मिट्टी के घड़ते समुद्रका पानी माप सकते हैं। 1. शब्दों के द्वारा । 2. XLV 176 वयणणुवुप्पलमाल - नये कमलोको मालाके द्वारा अर्थात् काव्यात्मक रूपसे रविव 16b कलहोद्दमश्याउ —— स्वर्ण ( कलबीत ) से निर्मित । 3. = 124- तूररवें दिन इम्म नगाड़ों के शब्दों दिशाएँ निनादित थीं। कणि विपणि सुम्मई- यदि ध्वनि कानों में भी पहुँचती थी तो सुनाई नहीं देती थी, या समझी जाती थी - विजय के सघन नावके कारण । 6. 96 सरसेणा - कामदेवको सेना | 13. 13-14 इन पंक्तियोंका अर्थ पद्मप्रभ है, जो वैजयन्त स्वर्गमें उत्पन्न हुए। और उनका शरीर गौरवर्ण था, तथा अत्यन्त चमकीली कान्ति थी। पद्मप्रभी इस कान्तिको देखकर पुष्पदन्त (चन्द्र और सूर्य ) की पत्नियोंने अनुभव किया कि उनको कान्ति कुछ भी नहीं है पद्मप्रभुके शरीरकी कान्तिकी तुलनायें । XLVI 5, 96 सासेहिं व चासपइष्णए हि--धान्यके समान जो हलके द्वारा को गयो रेखा ( चास ) में बोये गये हैं । चास देशी शब्द है जिसका अर्थ है हलके फलकसे खींची गयी रेखा, हलविदारित भूमिरेखा । और वासके रूपमें अब भी मराठी में सुरक्षित है । 6. 12 जितहि कति पण होत - जिस दूधका जिनवरके अभिषेकके लिए उपयोग किया जाता था, वह जिनवर के शरीरकी कान्तिसे साफ दिखाई नहीं देता था, क्योंकि दूधकी कान्ति जिनवर के शरीरकी कान्ति मिल्ठो -जुलती थी। मोलिव अलंकारका उदाहरण ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522