Book Title: Khartar Gacchha Bruhad Gurvavali
Author(s): Jinpal Upadhyaya, Jinvijay
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

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Page 13
________________ खरतरगच्छ-बृहद्गुर्वावलि-विषयानुक्रम ६-८ प्रास्ताविकवक्तव्य खरतरगच्छपट्टावलिसंग्रह - किश्चिद्वक्तव्य खरतरगच्छगुर्वावलिका ऐतिहासिक महत्त्व वर्द्धमानाचार्यवर्णन २ जिनेश्वरमूरिवर्णन ३ जिनचन्द्रसरि- अभयदेवसरिवर्णन ४ जिनवल्लभसरिवर्णन ५ जिनदत्तसूरिवर्णन ६ जिनचन्द्रसूरिवर्णन ७ जिनपतिसूरिवर्णन ८ जिनेश्वरसूरिवर्णन जिनपालोपाध्यायग्रथितग्रन्थभागपूर्ण ९ जिनप्रबोधसूरिवर्णन १० जिनचन्द्रसूरिवर्णन ११ जिनकुशलमूरिवर्णन १२ जिनपद्मसूरिवर्णन ८-१४ १४-२० २०-२३ २३-४८ ४८-५४ (५०) ५४-५८ ५९-६९ ६९-८५ ८५-८८ वृद्धाचार्यप्रबन्धावलि १ वर्द्धमानसरिप्रबन्ध २ जिनेश्वरमरिप्रबन्ध ३ अभयदेवसू रिप्रबन्ध ४ जिनवल्लभरिप्रबन्ध ५ जिनदत्तसरिप्रबन्ध ६ जिनचन्द्रसूरिप्रबन्ध ७ जिनपतिसूरिप्रबन्ध ८ जिनेश्वररिप्रवन्ध ९ जिनसिंघसूरिप्रबन्ध १० जिनप्रभसरिप्रबन्ध खरतरगच्छ-गुर्वावलिगतविशेषनाम्नां सूचिः ९३- ९६ ९७-११२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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