Book Title: Khartar Gacchha Bruhad Gurvavali
Author(s): Jinpal Upadhyaya, Jinvijay
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

View full book text
Previous | Next

Page 131
________________ १०४ खरतरगच्छगुर्वावलीगतविशेषनाम्नां सूचिः। ५० २३ २३ ८८ ur m Wc. WW २० धर्मदेवी [ साध्वी ] धर्मपाल [ मुनि ] धर्मप्रभ [ मुनि धर्मप्रभा [ क्षुल्लिका ] धर्ममति [गणिनी] धर्ममाला [ग० प्रवर्तिनी] ६५ धर्ममाला [ साध्वी ] ५५ धर्ममित्र [ मुनि ] धर्ममूर्ति [गाण, मुनि ] ४९, ५१ धर्मरुचि गणि २४,४४-४६ धर्मलक्ष्मी [ साध्वी] धर्मशील गणि ३४ धर्मश्री [ साध्वी] ३४ धर्मसागर [गाण, मुनि ] २३, २४ धर्मसिंह [ सा०] ७२, ७७ धर्मसुन्दरी [ क्षुल्लिका] ७७ धर्मसुन्दरी [ गणिनी ] ४९, ५१ धर्माकर [मुनि] ४९ धवलक [नगर] धाटी [ग्राम] धानपाली [ग्राम] धान्धल [ सा०] धान्धल [ सौवर्णिक, सा० ] ५५,५६ धान्धू [ सा०] ६४ धान्धूका [नगर] धामइना [प्राम] ६६, ६८, ७२ धारसिंह [ सा०] ५१ धारा [नगरी] १३,१८,१९,४४ धारापुरी , धीणा [ सा०] ७१-७३,७५,७६ धीणिग [सा०] धीधाक [सा०] धीन्धाक [सा०] धीर [ सा०] ८३ धुस्सुर [सा०] नगरकोट्ट [ तीर्थ ] नाथू [सा०] नगरकोट्टीय [ संघ] ४४, ४५ नावन्धर [ भां०]] नमिकीर्ति [क्षुल्लक] नारउद्र [नगर] नन्दन [सा०] ७३ नारिन्दा [स्थान] नन्दिवर्धन [ मुनि निम्बा [सा०] नन्दीश्वर [ तीर्थ] नीम्बदेव [ सा० ] ५२, ५५, ७९ नयनसिंह [ मंत्री] नींबा [सा०] ७७ नयसागर [ क्षुल्लक] नेब [राजप्रधान ] ७२ नरचन्द्र [ मुनि] ४४, नेमा [सा०] नरतिलक [राजर्षि ] नेमिकुमार [ सा०] ५२, ५८, नन्दण [ सा०] ६१, ६५, नरपति [ क्षुल्लक ] नेमिचन्द्र [ नवलक्षक, सा०] ६३ नरपति [ सा०] नेमिचन्द्र [भां० सा०] ४४, ९३ नरपालपुर [ग्राम ] नेमिचन्द्र [ मुनि ] नरपाल [श्रेष्ठी] ८४ नेमिचन्द्र [सा०] नरपाल [सा०] नेमितिलक [मुनि ] नरभट [ग्राम ] ६५,६६,६८,७२ नेमिध्वज [ साधु] नरवर [ग्राम] नेमिप्रभ [ मुनि नरवर्म [ राजा] नेमिभक्ति [ साध्वी ] नरसमुद्र [पत्तन] न्यायकन्दली [ग्रन्थ ] नरसिंह [भण.] न्यायकीर्ति [क्षुल्लक] नरानयन [ नगर] न्यायचन्द्र गाण नरेन्द्रप्रभ [ मुनि ] न्यायमहातर्क [प्रन्थ ] नवलक्षक [ कुल] न्यायलक्ष्मी [ साध्वी] नवहर [ग्राम] न्यायावतार [ग्रन्थ] नवहा [ग्राम] ६६, ७२ पउमासिंह [10] नवाङ्गवृत्ति [ग्रन्थ ] पउमावई [ देवी] ९३, ९४, ९५ नागदत्त [वा०] २० पंचनद [ देश] नागदेव [ सा०] ८६, ९१ पञ्चाशरीय [ चैत्य] नागद्रह [ग्राम] ४४ पञ्चकल्प [ग्रन्थ ] नागपुर [नगर ] १३, १४, १६, पलिका [प्रन्थ] १९, ६३-६६, ७३ | पञ्जिकाप्रबोध [प्रन्थ ] नागपुरीय [ संघ] ६०, ६५ पतियाण (2) नाणचन्द्र [ मंत्री] पत्तन [ नगर ] २, ६, ७, १०, नाणा [ तीर्थ] १४,१६, १९, ४४,४९,५२,, ४४ ७९ m "0 ७० ९२ . १८ V७४ mommur Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148