Book Title: Khartar Gacchha Bruhad Gurvavali
Author(s): Jinpal Upadhyaya, Jinvijay
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

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Page 133
________________ 10 cmoc ५२ बूल्हावसही १०६ खरतरगच्छगुर्वावलीगतविशेषनाम्नां सूचिः। प्रबोधमूर्ति [मुनि] बालादे [ राज्ञी ] ९४, ९५ । भावडायरिय [गच्छ ] प्रबोधमूर्ति गणि बाहड [ देवगृह ] १६ भावदेव [ मुनि ] प्रबोधसमुद्र [ मुनि ] ५३ बाहड [ भां०] भावनातिलक [मुनि] प्रभावती [ महत्तरा] बाहड [ सा०] भावमूर्ति [ क्षुल्लक ] प्रमोदमूर्ति [ मुनि ] बाहडमेरु [नगर ] ४९, ५१, ५६ । भीम [क्षेत्रपाल] प्रमोदलक्ष्मी [ साध्वी] बाहडमेरवीय [ संघ] ६२ | भीम [सा०] ५५, ८३ प्रमोदश्री [गणिनी] ४९,५० बाहला [सा०] ६० भीमदेव [ राजा] ३४, ४३ प्रसन्नचन्द्र [ मुनि] बुद्धिसमृद्धि [ग० प्रवर्तिनी] ५१, भीमसिंह [ राजा] २३, २४ प्रसन्नचन्द्र गाण ५९, ६३, ६९ भीमसिंह [सा.] ५३ प्रसन्नचन्द्राचार्य बुद्धिसागर [ मुनि ] भीमपल्ली [ग्राम ] ४४, ५०, ५१, प्रल्हादन [बृहत्तर] बुद्धिसागर गणि ५६, ५९, ६०, ६२-६४, प्रल्हादनपुर [नगर ] ४७, ४९-५२, बुधचन्द [ सा०] ६९-७१,७३, ७७-७९, ८७ ५४-५६, ५९, ६०, ६३, ८७ बूजडी [ग्राम] भीमपल्लीय [संघ]६०,६२,७१,७९ प्रल्हादनपुरीय [संघ] ५०, ५२ बूजद्री [ग्राम] भीमा [ भां०] ৩৩ ५७, ६०, ६२, ८० भीमा [ सा०] ६३, ७२ बृहवार [ग्राम] ४४,४६ प्राकृत [ भाषा] २८, ३१ भीष्म [ सा०] ७२ बोधाक [सा०] प्रियदर्शना [ साध्वी] ५२ भुवणाक [ सा०] बोहिथ [ सा] भुवन [ सा०] प्रियदर्शना [गणिनी] ६४, ६९ बोहित्थ [ सा०] भुवनकीर्ति [ मुनि] प्रियधर्मा [ साध्वी ] ब्रह्मचन्द्र गणि [वा०] १८, १९ भुवनचन्द्र गाण [वा०] प्रीतिचन्द्र [ क्षुल्लक] ५९ ब्रह्मदेव [ महं०] भुवनतिलक [ मुनि] फलवर्द्धिका [ नगरी] २४, २५, ब्रह्मशांति [यक्ष ] भुवनपाल [ सा०] ४९, ५२ __३४, ६४-६६, ७२, ७६ भउणा [ भां०] भुवनमूर्ति [ क्षुल्लक] फेरू [ठ०] ६६, ६७, ७२ भडसीह [ सा०] भुवनलक्ष्मी [ साध्वी] ५८ बज्जल [ सा०] भद्रमूर्ति [ क्षुल्लक] भुवनश्री [गणिनी] बब्बेरक [ग्राम ] २०, २३, २५, भरत [क्षेत्र] भुवनसमृद्धि [ साध्वी ] भरत [ सा०] भुवनसिंह [मंत्री] बरडिया [ नगर] भरतकीर्ति [ मुनि ] भुवनसुन्दरी [ साध्वी] बहिरामपुर [ग्राम ] ८२, ८३, ८४ भरवच्छ [नगर] भुवनहित [ मुनि] बहिरामपुरीय [ संघ] ८२, ८३ भरहपाल [ठ० सा०] भृगुकच्छ [नगर] बहुगुण [सा०] ५३ भवनपाल [ सा०] भोखर [ सा०] १६ बहुचरित्र [ मुनि] भाडा [ सा.] ६१ भोजराज [ मं० ] ६१,६४,७७,८० बहुदाक [श्रावक] भादानक [नगर] २८, ३३ भोजराज [राजा] बांचू [ सा०] ६० भामह भोजा [४०] बालचन्द्र [सा०] भावड [ सा०] भोजा [सा०] ७२, ७४, ८७ ६०, ८६ . . so AW w O m w १६ ५० ० ० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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