Book Title: Khartar Gacchha Bruhad Gurvavali
Author(s): Jinpal Upadhyaya, Jinvijay
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

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Page 127
________________ १०० खरतरगच्छगुर्वावलीगतविशेषनाम्नां सूचिः। ५५ ५९ ० ० 2 चारित्रतिलक [मुनि] चारित्रमति [गणिनी] चारित्रमाला [गणिनी] चारित्ररत्न [मुनि ] ४९ चारित्रलक्ष्मी [साध्वी] चारित्रवल्लभ [ मुनि चारित्रसुन्दरि [गणिनी ] चारित्रसुन्दरी [ क्षुल्लिका] चारित्रशेखर [मुनि] चारुदत्त [मुनि] ६४ चाहड [प्रधान] चाहड [ सा०] ५५, ५९, ६३, ७३, ८०, ८२, ८६ चाहमान [ कुल ] ६८, ८६, ८७ चित्तसमाधि [ साध्वी] ५२ चित्तकूड दुग्ग ९१ चित्रकूट [ दुर्ग] १०, १२-१५, १९, २०, ४९, Www . १८ ६ खेतसिंह [ सा०] ६७, ६८, ७१, गूर्जरीय [ संघ] ७२, ८६ गृहिचन्द्र [ सा०] गच्छकीर्ति [मुनि] गेहाक [मं०] गच्छवृद्धि [साध्वी] गोधा [ सा०] गज [ भां०] गोपाल [ सा०] ६५, ७२-७४, गजकीर्ति [मुनि] ५० ८०, ८२ गजेन्द्रबल [मुनि] ५२ गोल्लक [ सा०] २० गणदेव [ मुनि ] गोसल [ सा०] ७३-७६, ८६ गणदेव [ सा०] १२, ५२, ५८ गौतमस्वामी [गणधर ] २६, ४८, गणधरसप्ततिका [ग्रन्थ] ४९, ५६, ७७, ८१, ८२ गणपद्र [ग्राम] २० ग्यासदीन [पातसाहि ] ७२, ७७ गतमोह [ मुनि ] घोघा बेलाकुल गयधर [ सा०] चउसहि जोगिणी पीढ गाङ्गा [ सा० ] चक्क (त्व ! ) रहट्टी गिरनार [ पर्वत] चच्चरी [ग्रन्थ] गिरिनार [तीर्थ] चन्दनमूर्ति [ क्षुल्लक ] गीर्वाण भाषा चन्दनसुन्दरी [ गणिनी] ४९, ५८ गुडहा [ग्राम] ७३, ७९, ८०, चन्द्रकीर्ति गणि गुणकीर्ति [ मुनि] ४५ चन्द्र [ कुल ] ६९, ७१ गुणचन्द्र गणि १८, २३, २४ चन्द्र [ सा०] गुणचन्द्र [वसाय सा०] ४९ चण्डा [मंत्री] गुणधर [ मुनि] चण्डिकामठ गुणधर [ सा०] ५३, ७०, चन्द्रतिलक [उपाध्याय] ५०,५२, गुणभद्र गणि २०, ४४ चन्द्रप्रभ [ मुनि ] ४४ गुणवर्धन [ मुनि ] २० चरणमति [ साध्वी] गुणशील [ मुनि] २३, ४४ चन्द्रमाला [गणिनी] गुणशेखर [ मुनि] ५०, ५१ चन्द्रमूर्ति [ क्षुल्लक] गुणश्री [ साध्वी] २०, २४ चन्द्रश्री [ महत्तरा] गुणसागर [मुनि] चन्द्रश्री [ साध्वी] गुणसेन [ मुनि] चन्द्रावती [ नगरी] ३४,८७, ८८ गुजर [ देश] चाचिग [सा०] गूर्जर [ देश] चाचिगदेव [राजा] गुर्जरत्रा [ देश] १, ४, ३४, ३६, । चामुंडादेवी ३८, ३९, ४३, ५७, ६४, । चारित्रकीर्ति [ मुनि ] ७०, ७१, ७३, ७८ | चारित्रगिरि [ मुनि ] ४१ १० ५९ चित्रकूटीय प्रशस्ति [ग्रन्थ ] ४६ चूडामणि [ज्योतिर्मन्थ] ८ चौरसिंदानक [ग्राम ] २१ छज्जल सा०] ७३, ७५, ७७, ८७ छाडा [व्य०] ৩৩ छाड [ भां०] छीतम [ सा०] जगच्चन्द्र [ मुनि ] जगच्चन्द्र गणि जगदेव [प्रतीहार] ३४,४३ जगद्धर [ सा० ] ४४, ४९,५१,७१ जगमति [ साध्वी] ४७ जगसिंह [ भां०] जगत्सींह [ सा०] ७१, ७६ जगसीह [राजपुत्र] जगश्री [ साध्वी] ६५ ५९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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