________________ (10) विषय-प्रदर्शन | पृष्ठांक | ام م ه ه ه ه ه ه io पीठिका सहित प्रथम व्याख्यान . विषय बालावबोधरूप ग्रंथरचना का हेतु पर्युषण पर्व में ग्रंथवाचन की विधि श्री पर्युषण पर्व, कल्पसूत्र और श्रमणसंघ का महत्त्व व्याख्या (बालावबोध) कार की लघुता श्री देवगुरु-नमस्कार-लक्षण मंगलाचरण दशविध कल्प का स्वरूप और किस तीर्थंकर के समय में कौन-कौन सा कल्प होता है? इसका संक्षिप्त वर्णन ऋजुजड, ऋजुप्राज्ञ और वक्रजड पुरुषों से संबंधित दृष्टान्त दशविध कल्परूप धर्म पर वैद्य की कथा , कारणवश चातुर्मास में विहार और चातुर्मास योग्य क्षेत्र के उत्कृष्टादि गुण पर्युषण पर्व की सब पर्यों में उत्कृष्टता ऋषिपंचमी का संबंध - अन्य दर्शनीओं में भी ऋषिपंचमी की मान्यता कल्पसूत्रश्रवण पर नागकेतु की कथा प्रसंगप्राप्त चौदह पूर्वो का मान व्याख्यान में कल्पसूत्र-वाचन का समय, वाचना कब से . शुरु हुई? चतुर्थी के दिन पर्युषण पर्व करने की प्रवृत्ति कल्पसूत्र के वाचन-श्रवण से लाभ और उस पर वृद्धा के पुत्र की कथा पर्युषण में साधु-श्रावकों के करने योग्य धर्मकार्य कल्पसूत्र में तीन अधिकार-दर्शक गाथा परमेष्ठी-नमस्कार और कल्पसूत्र का प्रारम्भ संक्षिप्त वाचना से वीर प्रभु के पाँच कल्याणक ه ه on ه ه ه 14. ه 5 17. 18. 19. ه ه ه ه ه