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2. स्थितिहेतुत्व - स्थिर रहने में सहायता करना अधर्मास्तिकाय का विशेष गुण है। अधर्मास्तिकाय के अभाव में कोई भी पदार्थ स्थिर नहीं रह सकता।
3. अवगाहहेतुत्व - सभी द्रव्यों को आश्रय देना आकाश का विशेष गुण है। आकाश के अतिरिक्त किसी में भी यह गुण नहीं
पाया जाता।
4. वर्तनाहेतुत्व - वर्तनाहेतुत्व काल का विशेष गुण है। हमारी जितनी भी वृत्तियाँ हैं, उनमें काल हेतुभूत है। यदि काल नहीं हो तो कोई भी क्रिया नहीं हो सकती अतः वर्तन काल का विशेष गुण है।
5-8. स्पर्श, रस, गंध, वर्ण-स्पर्श, रस, गंध और वर्ण पुद्गल द्रव्य के विशेष गुण हैं।
9-12. ज्ञान, दर्शन, सुख, वीर्य ज्ञान, दर्शन,
वीर्य जीव द्रव्य के विशेष गुण हैं।
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सुख और
13. चेतनत्व – चेतनत्व जीव का विशेष गुण है। इस गुण के कारण जीव चेतनायुक्त होता है।
14. अचेतनत्व - अचेतनत्व जीव को छोड़कर चार अस्तिकाय और काल का विशेष गुण है।
15. मूर्त्तत्व - मूर्त्तत्व पुद्गल का विशेष गुण है। इस गुण के कारण ही पुद्गल हमारी इन्द्रियों के विषय बनते हैं।
16. अमूर्त्तत्व - अमूर्त्तत्व पुद्गल को छोड़कर चार अस्तिकाय तथा काल का विशेष गुण है। इस गुण के कारण ही पुद्गल को छोड़कर शेष द्रव्य इन्द्रियों के विषय नहीं बनते हैं।
उपर्युक्त सोलह गुणों में जीव और पुदगल में छह-छह गुण पाए जाते हैं। शेष द्रव्यों में तीन-तीन गुण पाये जाते हैं। इनका उल्लेख इस प्रकार है