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2. नौ तत्त्वों को विस्तार से समझाएँ। 3. मोक्ष के साधक-बाधक तत्त्वों का विवेचन करें। 4. जैन दर्शन के अनुसार रत्नत्रय का विवेचन करें। 5. गुणस्थान किसे कहते हैं? चौदह गुणस्थानों पर प्रकाश
डालें। 6. षडावश्यक का विवेचन करें।
7. श्रमण के दस धर्मों का विवेचन करें। प्रश्न-2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 100 शब्दों में दें
1. जैन आचार का आधार क्या है? 2. निर्जरा तत्त्व से क्या समझते हैं? 3. सामायिक आवश्यक को समझाएँ। 4. सम्यक् दर्शन से क्या तात्पर्य है?