________________
महासती जी श्री उमराव कुंवर जी म. सा. "अर्चना" जैसी परम विदुषी और योग साधिका की छत्रच्छाया प्राप्त है, यह उनका सौभाग्य है।
मैं आशा करता हूँ कि वे अपनी गुरूणीमैया के तत्त्वावधान में ध्यान तथा साधना के क्षेत्र में उत्तरोत्तर विकास करती जाएं।
एम. ए. (त्रय), पी. एच. डी., काव्यतीर्थ, विद्यामहोदधि पूर्व प्रोफेसर - मद्रास युनिवर्सिटी, चैन्नई तथा प्राकृत रिसर्च इन्स्टीट्यूट, वैशाली
सरदार शहर - 331413
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org