Book Title: Jain Dharma ka Maulik Itihas Part 2
Author(s): Hastimal Maharaj
Publisher: Jain Itihas Samiti Jaipur

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Page 13
________________ २७६ २८६ २८६ २८६ २६२ २६२ २६३ २६३ २८५ २६६ २६८ २६८ ३०० ३०० ३०५ ३०७ अवन्ती का प्रद्योत राजवंश कौशाम्बी (वत्सराज्य) का पौरव राजवंश कलिंग का चेदिराजवंश ३. श्रुतकेवलिकाल आचार्य प्रभव स्वामी (तृतीय पट्टधर) डाकू सरदार प्रभव प्रभव द्वारा श्रेष्ठी ऋषभदत्त के घर डाका चोरों का स्तम्भन प्रभव का जम्बू से निवेदन जम्बू और प्रभव का संवाद मधुबिन्दु का दृष्टान्त संसार का बड़ा दुःख ललितांग का दृष्टान्त अमरह प्रकार के नाते कुबेरदत्त एवं कुबेरदत्ता का आख्यान गोप युवक का दृष्टान्त महेश्वर दत्त का आख्यान वणिक्काद्दष्टान्त प्रभव का आत्मचिन्तन प्रभव की दीक्षा और साधना उत्तराधिकारी के लिये चिन्तन आर्य प्रभव का स्वर्गगमन दिगम्बर परम्परा की मान्यता आचार्य शय्यंभव (चतुर्थ पट्टधर) बालर्षि मणक दशवैकालिक की रचना आचार्य शय्यंभव का स्वर्गगमन दिगम्बर मान्यता आचार्य यशोभद्रस्वामी (पंचम पट्टधर) दिगम्बर मान्यता आचार्य सम्भूत विजय (छठे पट्टधर) शिष्य शिष्याएं दिगम्बर-परम्परा """""""" ३१० ३११ ३१२ ३१२ ३१४ ३१४ ३१६ ३१६ """ ३१६ ३२१ ३२२ ३२२ ३२३ ३२३ ३२४ ३२४ २२५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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