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तृतीय अध्ययन चतुर्थ अध्ययन पंचम अध्ययन छट्ठा अध्ययन सातवां अध्ययन विषयवस्तु महापरिज्ञा अध्ययन में मंत्रविद्या आठवां अध्ययन नौवां अध्ययन द्वितीय श्रुतस्कन्ध द्वितीय श्रुतस्कन्ध के रचनाकार कौन ?
आचारांग का स्थान एवं महत्त्व २.
सूत्रकृतांग स्थानांग स्थानांग की महत्ता समवायांग वियाह-पण्णत्ति अपरनाम भगवती व्याख्या प्रज्ञप्ति का उपलब्ध स्वरूप नाया धम्मकहाओ उवासगदसाओ उपासकदशा का महत्व अंतगडदसाओ अणुत्तरोववाइयदसा
पण्हावागरणा११. विवागसुयं १२. दृष्टिवाद द्वादशांगी में मंगलाचरण द्वादशांगी का ह्रास एवं विच्छेद श्वेताम्बर परम्परानुसार द्वादशांगी की पद-संख्या दिग. परम्परानुसार द्वादशांगी की पद, श्लोक
एवं अक्षर-संख्या पूर्वो की पद-संख्या द्वादशांगी विषयक दिगम्बर-मान्यता
१४०
१४१ १४३ १४६ १५२ १५२
१५४
१०. पण्हावापा
१५६
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